बिहार विधानसभा के अध्यक्ष पद से विजय कुमार सिन्हा ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया। विजय सिन्हा ने इस्तीफा देने के दौरान कहा कि बहुमत का सम्मान करते हुए मैं विधानसभा अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देता हूं।
बिहार विधानसभा के अध्यक्ष पद से विजय कुमार सिन्हा ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया। विजय सिन्हा ने इस्तीफा देने के दौरान कहा कि बहुमत का सम्मान करते हुए मैं विधानसभा अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देता हूं। विजय सिन्हा ने जेडीयू विधायक नरेंद्र नारायण यादव को आसन संभालने की जिम्मेदारी दी, क्योंकि वो सबसे सीनियर सदस्य है, इसलिए अधियाशी सदस्य के रूप में उन्हें नामित किया है और सदन को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
विजय सिन्हा के इस निर्णय पर संसदीय कार्यमंत्री विजय चौधरी ने अनुचित बताया और कहा कि चूंकि सदन के उपाध्यक्ष के रूप में महेश्वर हजारी है इसलिए उनका ये निर्णय अनुचित है। वहीं विजय सिन्हा ने कहा कि मेरे खिलाफ जो अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, उसमें 9 में से 8 सदस्यों का अविश्वास प्रस्ताव नियम के मुताबिक नहीं था। सदन में अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कहा कि निष्पक्ष होकर सदन का संचालन किया। विधायिका का सम्मान बढ़े यही इच्छा है, क्योंकि विधायिका का सम्मान बढ़ने से प्रशासनिक अराजकता खत्म होगी।
बीजेपी से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने राज्यपाल के सामने 164 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। आज उन्हें विधानसभा में इसी बहुमत को साबित करना होगा। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार आसानी से बहुमत साबित कर लेंगे, लेकिन विजय सिन्हा उनके सामने सियासी मुसीबत खड़ी कर सकते हैं।
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विधानसभा अध्यक्ष को पद से हटाने का क्या है नियम?
बिहार विधानसभा की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमावली के नियम110 में अध्यक्ष को पद से हटाने के संकल्प को देने का प्रावधान है जो भारत के संविधान के अनुच्छेद 179 से उद्भूत है। इस प्रकार के प्रस्ताव की स्वीकृति/अस्वीकृत का निर्णय सदन का अध्यासी सदस्य ही कर सकते है, जिसका आधार 38 सदस्य के खड़ा होकर संकल्प प्रस्ताव का समर्थन करना अथवा कम सदस्य का खड़ा होना होगा। उल्लेखनीय है कि अध्यक्ष के निर्वाचन में सभी भूमिका माननीय सदस्यों एवम सदन की होता है। अतः उन्हें पद से हटाने की शक्ति भी इन्ही में निहित है।
महागठबंधन विधानमंडल की बैठक आज
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार की शाम को जदयू और फिर महागठबंधन विधानमंडल दल की बैठक एक अणे मार्ग में होगी। शाम में छह बजे जदयू की बैठक होगी। फिर सात बजे महागठबंधन में शामिल सभी दलों के विधायकों की एक साथ बैठक होगी। इस बैठक में राज्य और देश की वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा होगी। साथ ही पार्टी और गठबंधन की आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श होगा। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री विधायकों को दिशा-निर्देश जारी करेंगे। साथ ही अन्य नेतागण भी अपनी बात रखेंगे।