76वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देशभर में तिरंगा फहराया गया। वहीं सीवान में एक नहीं बल्कि तीन-तीन जगह राष्ट्रध्वज का अपमान हुआ। एक स्कूल में बिना अशोक चक्र के ही राष्ट्रीय ध्वज को फहरा दिया गया। वहीं एक पंचायत भवन पर उल्टा तिरंगा फहराया गया। यही नहीं जिले के आरबीजीआर कॉलेज में झंडोत्तोलन के बाद से ही तिरंगा जमीन पर गिर गया, लेकिन उसपर किसी ने ध्यान नहीं दिया। इसका वीडियो सामने आया है।
पहली घटना दरौली प्रखंड के नया राजकीय प्राथमिक विद्यालय करमौल का है। दरौली ब्लॉक के नया राजकीय प्राथमिक विद्यालय में बिना अशोक चक्र वाला तिरंगा फहराया गया। इस स्कूल में 3 शिक्षक (दो महिला और एक पुरुष) मौजूद हैं। पुरुष शिक्षक राजेश मिश्रा प्रधानाध्यापक हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि स्वतंत्रता दिवस पर झंडोत्तोलन के दौरान यहां के शिक्षकों ने बिना अशोक चक्र वाले झंडे के साथ झंडोतोलन किया।

शिक्षकों को अशोक चक्र न होने की जानकारी थी
ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल के शिक्षकों को इस बात की जानकारी थी कि इस झंडे में अशोक चक्र नहीं है। बावजूद उनके द्वारा इसकी मनमानी की गई। वहीं जब स्थानीय लोगों की इस पर नजर पड़ी तो आसपास के लोगों ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया। वीडियो सामने आने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गई है। फिलहाल आरोपी प्रधानाध्यापक से प्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी पूनम कुमारी ने स्पष्टीकरण की मांग की है।

उल्टा फहराया झंडा
दूसरा मामला दरौंदा प्रखंड का है। यहां पंचायत भवन पसिवड़ में उल्टा झंडा फहराया गया है। इस मामले भी संबंधित आरोपी पर स्पष्टीकरण की बात सामने आई है। झंडा उल्टा फहराने के मामले में बीडीओ दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि उन्हें यह जानकारी मिली है। मामले में राष्ट्र गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 की धारा 2 के तहत आरोपित को चिन्हित कर प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी

झंडोत्तोलन के बाद गिरा झंडा
तीसरा मामला महाराजगंज प्रखंड शहर मुख्यालय के आरबीजीआर (राम बिलास गंगा राम) कॉलेज का है। वहां झंडोत्तोलन के कुछ घंटे के बाद ही झंडा नीचे गिर गया। काफी देर तक जमीन पर गिरा रहा इस पर किसी भी कॉलेज प्रशासन की नजर नहीं पड़ी। इस मामले में आसपास के लोगों ने बताया कि झंडोत्तोलन के बाद यहां के प्रिंसिपल और शिक्षक अपने घर चले गए थे। झंडा उतारने का जिम्मेवारी चपरासी की थी।
बता दें आजादी के बाद राष्ट्रीय झंडा तिरंगे से जुड़े दो कानून देश में बनाए गए थे- पहला: प्रतीक और नाम (अनुचित प्रयोग की रोकथाम) अधिनियम, 1950, दूसरा: राष्ट्रीय सम्मान के अपमान या अनादर की रोकथाम अधिनियम, 1971।
55 साल बाद इंडियन फ्लैग कोड में हुआ बदलाव
25 जनवरी 2002 को देश की आजादी के 55 साल बाद इंडियन फ्लैग कोड में बदलाव किया गया। इसके जरिए 2 अहम बदलाव किए गए…
पहला: अब किसी सामान्य दिन में कभी भी भारतीय राष्ट्रीय झंडा घरों, दफ्तरों, फैक्ट्री पर लगाने की छूट दे दी गई। इससे पहले घरों या प्राइवेट संस्थानों में झंडा फहराने की छूट नहीं थी।
दूसरा: फ्लैग कोड में तिरंगा झंडा के साथ किए जाने वाले किसी भी तरह के अनादर को अपराध माने जाने की बात कही गई है।