गडकरी ने कहा, ‘शिवाजी महाराज हमारे भगवान हैं। हम उनका नाम अपने माता-पिता से भी ज्यादा सम्मान के साथ लेते हैं।’ कोश्यारी के बयान पर छिड़ी रार के बाद यह पहला मौका है, जब नितिन गडकरी ने चुप्पी तोड़ी है।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ओर से शिवाजी महाराज से खुद की तुलना किए जाने पर छिड़े विवाद को शांत करने के लिए खुद नितिन गडकरी सामने आए हैं। उन्होंने कहा, ‘शिवाजी महाराज हमारे भगवान हैं। हम उनका नाम अपने माता-पिता से भी ज्यादा सम्मान के साथ लेते हैं।’ कोश्यारी के बयान पर छिड़ी रार के बाद यह पहला मौका है, जब नितिन गडकरी ने चुप्पी तोड़ी है। दो दिन पहले ही भगत सिंह कोश्यारी ने कहा था कि शिवाजी महाराज तो पुराने हो गए हैं, अब आज के दौर में नितिन गडकरी हमारे आदर्श हैं।
इस पर विवाद छिड़ गया था। एनसीपी और शिवसेना जैसे दलों ने तीखा विरोध किया है तो वहीं भाजपा के साथ राज्य में सरकार चला रहे एकनाथ शिंदे गुट ने भी ऐतराज जताया था। एकनाथ शिंदे गुट का तो यहां तक कहना था कि तत्काल भगत सिंह कोश्यारी का राज्य से तबादला किया जाए। भगत सिंह कोश्यारी ने कहा था, ‘पहले जब पूछा जाता था कि आपका आदर्श कौन है तो जवाहर लाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी का नाम लिया जाता था। महाराष्ट्र की बात करें तो कहीं और देखने की जरूरत नहीं है। महाराष्ट्र के ही बहुत से आइकॉन रहे हैं। हालांकि अब शिवाजी पुराने हो गए हैं। अब भीमराव आंबेडकर और नितिन गडकरी आदर्श हैं।’
भगत सिंह कोश्यारी ने नितिन गडकरी और शरद पवार को डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान करते हुए यह टिप्पणी की थी। उनकी इसल टिप्पणी की शिवसेना ने भी तीखी आलोचना की थी। शिवसेना का कहना था कि गवर्नर ने नितिन गडकरी की शिवाजी से तुलना करके हमारे नायक का अपमान किया है। यही नहीं इस मामले में टीम ठाकरे ने एकनाथ शिंदे गुट की चुप्पी पर भी सवाल उठाया था। मामला जब ज्यादा बढ़ा और एकनाथ शिंदे गुट राजनीतिक रूप से घिरता दिखा तो उसने भी भगत सिंह कोश्यारी को हटाए जाने की मांग उठा दी। अब गठबंधन में ही कलह की स्थिति पैदा होने पर नितिन गडकरी ने चुप्पी तोड़ी है।