मोतिहारी, मोतिहारी प्रतिनिधि। शराब धंधेबाजों पर नकेल लगाने के लिए सरकार व उत्पाद विभाग हर संभव प्रयास कर रही है। बावजूद इसके शराब के धंधे पर पूर्णत: अंकुश नही लग पा रहा है। शराब की तस्करी व भंडारण का पत्ता लगाने के लिए उत्पाद विभाग पहले से ड्रोन स्क्वायड व बोट स्क्वायड की मदद ले रही है। फिर भी चोरी छिपे धंधेबाज दूसरे राज्यों से शराब की खेप मांगने या लाने में सफल रहे है। अब शराब धंधेबाजों पर अंकुश के लिए सरकार ने हर जिले में डॉग स्क्वायड टीम तैनात करने का निर्णय किया है। पहले चरण में उत्पाद मुख्यालय पटना द्वारा पूर्वी चम्पारण समेत दस जिलों को प्रशिक्षक (हैण्डलर) के साथ ट्रेंड डॉग उपलब्ध कराया गया है।
उत्पाद अधीक्षक अमृतेश कुमार ने बताया कि मुख्यालय द्वारा एक ट्रेंड डॉग हैण्डलर सहित उपलब्ध कराया गया है। बेल्जियम नस्ल की डॉग जूली करीब 25 फिट की दूरी से ही गंध सूंघकर शराब ढूंढ निकालने में सक्षम है। ट्रेंड डॉग मिलने से शराब ढूंढने में काफी सहूलियत होगी। कहा कि सवारी गाडियों में एक-एक बैग की तलाशी लेने में काफी परेशानी होती थी। अब जूली द्वारा चिन्हित बैग, थैला व कार्टन की ही खोलकर तलाशी ली जाएगी।
इससे बस में सफर कर रहे अन्य यात्रियों को कोई परेशानी नहीं होगी और शराब तस्कर भी पकड़े जाएंगे। कहा कि हाल के दिनों में कई जगहों से नदी किनारे रेत में छुपाकर रखी गयी चुलाई शराब की खेप बरामद हुई है। बालू के अंदर छिपाकर रखी गयी शराब को ढूंढने में भी काफी परेशानी होती थी। उत्पाद अधीक्षक ने बताया कि डॉग स्क्वायड टीम में एक अधिकारी व पांच जवान तैनात किए गए है। डॉग स्क्वायड टीम शुक्रवार से काम करने लगेगी।