राज्य के सबसे पुराने राजकीय आयुर्वेदिक काॅलेज अस्पताल पटना की मान्यता पर शिक्षकों की कमी से संकट गहरा गया है। आठ विभागों में 35 शिक्षकों की कमी है। शिक्षकों की कमी से पीजी की पढ़ाई, गाइड और रिसर्च में भी परेशानी हो रही है। स्त्री और प्रसूति विभाग सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे चल रहा है।
शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए युवा आयुष स्नातकोत्तर (बिहार) के संयोजक वैद्य पवन कुमार ने शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव को ज्ञापन साैंपा। उन्होंने बताया कि फिलहाल अंडरटेकिंग देकर नामांकन की अनुमति ली जा रही है। समय रहते शिक्षकों की भरपाई नहीं हुई तो काॅलेज की मान्यता पर भी संकट है। पीजी की पढ़ाई बंद हो सकती है। वहीं राजकीय आयुर्वेदिक कालेज के प्राचार्य डॉ. एसएन तिवारी ने कहा कि शिक्षकों की कमी की जानकारी विभाग को लिखित तौर पर दे दी गई है। विभाग ने खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।