केंद्र सरकार ने आपातकालीन सेवा और ट्रॉमा सेंटर के बीच सहयोग पर जोर दिया है। इसके तहत इमरजेंसी मेडिकल टीम का गठन किया जाएगा।
बिहार के सरकारी अस्पतालों में अब आपातकालीन सेवा के लिए इमरजेंसी मेडिकल टीम का गठन होगा। साथ ही अस्पतालों में दूसरी पाली में भी निबंधन हुआ करेगा। शाम में चलने वाले ओपीडी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने यह निर्णय लिया है। विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की ओर से इस बाबत आदेश जारी कर दिया गया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। अस्पतालों में शाम की ओपीडी की अवधि मार्च से अक्टूबर के बीच शाम 4 से 6 बजे तक जबकि नवंबर से फरवरी के बीच दोपहर 3 से शाम 5 बजे तक है।
वहीं, केंद्र सरकार ने आपातकालीन सेवा और ट्रॉमा सेंटर के बीच सहयोग पर जोर दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण की अध्यक्षता में आयोजित सेमिनार में इस पर सहमति बनी। साथ ही, इसके तहत इमरजेंसी मेडिकल टीम का भी गठन किया जाएगा। बिहार से इस सेमिनार में राज्य स्वास्थ्य समिति के एसपीओ डॉ. अभिषेक कुमार सिन्हा शामिल हुए। उन्होंने पंचायती राज प्रतिनिधियों को इसमें जोड़ने की बात कही। नेशनल इमरजेंसी मेडिकल टीम की पहल का उद्देश्य आपदाओं और सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों के जवाब में स्वास्थ्य सेवा जनशक्ति की तैनाती के पारंपरिक उत्तरदायी तरीके को सुधारना है।
स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सकों की वरीयता तय करने के लिए सात सदस्यीय समिति बनाई है। समिति का अध्यक्ष संयुक्त सचिव सुधीर कुमार को बनाया गया है। अभी बिहार स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के चिकित्सकों की वरीयता वर्ष 2008 तक और औपबंधित वरीयता वर्ष 2019 में निर्गत है। इसके बाद चिकित्सा पदाधिकारियों की नियुक्ति हुई है, लेकिन इनकी वरीयता तय नहीं है। इसलिए यह समिति बनाई गई है ताकि चिकित्सकों की वरीयता तय की जा सके।