बायोलॉजी के टेस्ट में जीरो नंबर आने से परेशान छात्रा ने कमरे में पंखे से दुपट्टा के सहारे फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। घटना सोमवार शाम करीब 7 बजे कहलगांव के श्यामबाग मोहल्ले की है। जहां एनटीपीसी के कर्मी जीरोमाइल के बहादुरपुर निवासी वकील कुमार चौधरी की पुत्री विनीता कुमारी (16) ने खुदकुशी कर ली। वह कहलगांव सेंट्रल स्कूल में 12वीं में पढ़ती थी। सूचना पर एनटीपीसी थानेदार हरेंद्र कुमार मौके पर पहुंचे।
मां ने पुलिस को बताया कि विनीता शाम 6 बजे कोचिंग से बॉयोलॉजी का टेस्ट देकर लौटी। इसके बाद पेड़ा खाने की इच्छा जताई। मैंने ने उसे पेड़ा खाने को दिया। फिर उसने मैगी खानी की इच्छा जताई। 7 बजे जब बेटा ट्यूशन जाने के लिए कपड़ा ढूंढने को कमरे का दरवाजा खटखटाया तो अंदर से बंद था। हम दोनों ने खिड़की से देखा तो बेटी पंखे से दुपट्टे के सहारे लटक रही थी।
बॉयोलॉजी का टेस्ट देकर लौटी थी छात्रा
आत्महत्या करने से एक घंटे पहले भी वह कोचिंग से बॉयोलॉजी का टेस्ट देकर लौटी थी। पिता वकील चौधरी ने बताया कि विनीता को पिछले टेस्ट में बॉयोलॉजी विषय में जीरो अंक आया था। तब मैंने उसे मन लगाकर पढ़ाई करने के लिए कहा था। इसके बाद वह अच्छे से पढ़ाई कर रही थी। मगर अचानक वह ऐसा कदम उठाएगी, यह नहीं सोचा था। पिता 10 साल से कहलगांव के श्यामनगर मोहल्ले में रहते है। चार भाई-बहनों में विनीता सबसे बड़ी थी।
कम अंक लाने वाले भी जीवन में आगे बढ़ते हैं
“आत्महत्या करना किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। कम अंक लाने वाले भी जीवन में आगे बढ़ते हैं। जब भी कोई आत्महत्या करने की सोचता है तो सबसे पहले वह गुमसुम रहता है। वह उदासी की बातें करता है कि अब जीवन मे बचा ही क्या है, दुनिया में कुछ भी नहीं है। अगर आपके बच्चे बार-बार परिवार से अलग रहने की जिद करें। काम में उसे मन नहीं लगे या अपनी परेशानी न बताए तो उससे आगे बढ़कर खुद बात करें। उसके मन की बात टटोलने की कोशिश करें, इससे उसका मन हल्का होगा। काउंसलिंग से वह इस तरह के आत्मघाती कदम उठाने से बचेगा।”
डॉ पंकज मनस्वी, एक्सपर्ट, मानसिक रोग