घोड़ासहन पूर्वी चम्पारण:
जितना थाना क्षेत्र के नेपाल सीमावर्ती गिरीघाट बॉर्डर से एसएसबी जवान का हथियार चोरी मामले में अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आ रही है.बताते चले कि कोरोना के समय मार्च 2020 में भारत नेपाल सीमा पर आवागमन को रोकने के लिए नो मेंस लैंड पर तम्बू गिरा कर एसएसबी द्वारा पोस्ट बनाया गया था.
लेकिन करीब दो वर्ष बीतने के बाद भी एसएसबी द्वारा उक्त तम्बू को नही हटाया गया.उक्त जगह पर लगा तम्बू पांच सौ मीटर के रेडियश में सुनसान जगह पर है जहाँ आवागमन की गतिविधि भी कम होती है. वही ईस पोस्ट पर बिना मूलभूत सुबिधाओं के नो मेन्स लैण्ड पर करीब दो वर्षों से पोस्ट संचालित हो रहा था. पोस्ट पर ना बैरक है,ना शौचायल है,ना ही पानी की व्यवस्था है.
साथ ही सुनसान जगह पर हिंसक जानवरो का भी डर बना रहता है.जहाँ मात्र तीन जवानों के भरोसे पूरी रात डियूटी चलती है.जबकि एक वर्ष पूर्व ही भारत नेपाल सीमा से आवागमन को सरकार ने सामान्य कर दिया गया था,परन्तु अब सवाल यह खड़ा होता है …? आखिर अभी तक तम्बू गिरा कर ड्यूटी करने के पीछे क्या मकशद है…?,जबकि ठीक 71 बटालियन के सटे करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर 20 वी बटालियन का कार्य क्षेत्र भी पड़ता है जहाँ कही भी तम्बू के सहारे डिप्टी नही की जाती है,
जवान कैम्प से हथियार के साथ आते जाते है और अपना जवाबदेही का निर्वाहन करते है,लेकिन ठीक उसके विपरीत 71 बटालियन में सुनसान एवं वीरान जगह पर तम्बू के सहारे बॉर्डर की रक्षा करना कई सवालों को जन्म देती है. हालांकि इस मामले पर एसएसबी के बड़े से लेकर नीचे तक के कोई भी अधिकारी कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं. वही गिरीघाट बॉर्डर सहित 71 वी बटालियन द्वारा बनाए गए करीब दर्जन भर से अधिक कार्यरत अस्थायी पोस्टों के बारे में भी सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों में जितने मुंह उतनी बात चल रही है. जो कई सवाल खड़े कर रहे हैं…!!