बिहार रियल एस्टेट अपीलीय न्यायाधिकरण ने मंगलवार को दानापुर में 16 एकड़ भूमि पर 12 टॉवर अपार्टमेंट परियोजना के लिए स्थानीय मुखिया द्वारा बिना अधिकार मैप को मंजूरी देने के मामले में जांच के आदेश दिए हैं
बिहार रियल एस्टेट अपीलीय ट्रिब्यूनल ने मंगलवार को पटना के दानापुर में स्थानीय मुखिया द्वारा बिना अधिकार फ्लैट के टॉवरों के मैप पास करने के मामले में जांच के आदेश दिए हैं। ट्रिब्यूनल ने मुखिया द्वारा बिना किसी अधिकार के लगभग 16 एकड़ भूमि पर एक बड़ी अपार्टमेंट परियोजना के लिए भवन मानचित्र को मंजूरी देने के मामले पर आश्चर्य व्यक्त किया। ट्रिब्यूनल ने जांच आदेश में कहा है कि नगर पालिका अधिनियम 2007 या बिहार पंचायती राज अधिनियम, 2006 के किसी भी प्रावधान के तहत इस तरह का कोई अधिकार स्थानीय मुखिया को नहीं दिया गया है।अपीलीय न्यायाधिकरण ने बिहार सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग से संबंधित मामले की उचित अधिकारी से जांच कराने और कानून के मुताबिक उचित कदम उठाने को कहा है।
पटना के दानापुर में परियोजना के मालिकों और प्रमोटरों के बीच मुकदमेबाजी और बिना काम पूरा कराए अपार्टमेंट की बिक्री से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष अरुण कुमार और प्रशासनिक / तकनीकी सदस्य सुनील कुमार सिंह ने सवाल किया कि भवन योजना को मुखिया द्वारा कैसे मंजूरी दी जा सकती है। ट्रिब्यूनल ने आदेश में बताया कि जिस स्थान पर परियोजना स्थित है वह नगर परिषद, खगौल, दानापुर, पटना के अंतर्गत आता है, इसलिए तकनीकी रूप से मुखिया द्वारा मैप पास करना प्रावधान के खिलाफ है।
ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में कहा कि परियोजना में कुल 1088 फ्लैटों सहित 11 टावरों का निर्माण किया गया है। प्राधिकरण ने ऐसी परियोजनाओं को पंजीकृत किया जो पंजीकरण के लिए योग्य नहीं थीं। ट्रिब्यूनल ने जांच का आदेश करते हुए कहा कि 15 मार्च, 2022 को एक सक्षम प्राधिकारी द्वारा पूर्व में स्वीकृत नहीं किये गए एक भवन मानचित्र योजना को भी खगौल नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी द्वारा पुन: मान्य किया जाने पर सवाल उठाया। हालांकि ट्रिब्यूनल ने कार्यकारी अधिकारी को यह बताने के लिए नोटिस भी जारी किया था कि भवन योजना को कैसे फिर से अनुमति दी गई थी।
बिना काम पूरा कराए कैसे बेचे जा रहे फ्लैट
न्यायाधिकरण ने मामले में फाल्ट बिक्री प्रोमोटरों से भी सवाल करते हुए कहा कि बिना काम पूरा कराए फ्लैट की बिक्री कैसे की जा रही है। काम पूरा होने और उसका क्लीयरेंस मिलने के बाद ही प्रोमोटर फ्लैट की बिक्री करवा सकते हैं। बेंच ने कहा कि प्रमोटर की यह जिम्मेदारी कि सभी क्लीयरेंस प्रमाण पत्र प्राप्त करने और खरीददारों को उपलब्ध कराने के बाद ही फ्लैट की बिक्री करे।