मदरसों को मान्यता क्यों नहीं दी जा रही है, बताए बिहार राज्य मदरसा एजुकेशन बोर्ड : हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट ने बिहार राज्य मदरसा एजुकेशन बोर्ड से जानना चाहा कि मदरसों को क्यों नहीं मान्यता दी जा रही है। बिहार राज्य मदरसा एजुकेशन बोर्ड के वकील श्रीप्रकाश श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि बिहार राज्य मदरसा बोर्ड की धारा 7 (2) (एन) तथा 24 को हाईकोर्ट सहित सुप्रीम कोर्ट इसे अवैध घोषित कर चुका है। ऐसी परिस्थिति में शिक्षा विभाग की ओर से जारी परिपत्र दिनांक 29-11-1980 तथा प्रत्रांक 1090 के आलोक में बोर्ड अपना कार्य संपन्न कर रहा है।
उनका कहना था कि वर्तमान में बोर्ड ने संविधान के अनुच्छेद 28 (2) के तहत सभी मदरसों की प्रबंध समिति को ट्रस्ट कानून के तहत रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ही बोर्ड मे आवेदन करने का निर्देश दिया है। उनका यह भी कहना था कि लोकायुक्त के आदेश दिनांक 29-8-2019 के बावजूद भी राज्य सरकार अब तक नियम नहीं बनाया है, जबकि मदरसा बोर्ड कानून 1981 से ही लागू है। 40 साल बीत जाने के बाद भी नियम नही बनाया जा सका है, जो एक खेदपूर्ण कार्य है।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल तथा न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को एक सप्ताह के भीतर शपथ पत्र दायर कर स्थिति स्पष्ट करने को आदेश दिया है।
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