सारण के डेरनी में गीता जयंती मनायी गयी।
अमित कुमार/दरियापुर (सारण)
प्रखंड क्षेत्र के डेरनी में लक्ष्मण सिंह के दरवाजे पर गीता जयंती मनायी गयी। गीता के पुस्तक रखकर फूलो से पूजा किया गया तथा गीता के बारे में वक्ताओं में डॉ के० एन० सिंह ने बताया कि गीता जयंती भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी गीता जयंती धूमधाम के साथ मनाई जाती है। गीता जयंती हमें याद उस पावन उपदेश की याद दिलाती है जो श्रीकृष्ण ने मोह में फंसे हुए अर्जुन को दिया था। कलयुग के प्रारंभ होने के 30 साल पहले कुरुक्षेत्र के मैदान में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिया था वह श्रीमद्भगवद् गीता के नाम से प्रसिद्ध है। श्रीमद्भगवद्गीता के 18 अध्यायों में से पहले 6 अध्यायों में कर्मयोग, फिर अगले 6 अध्यायों में ज्ञानयोग और अंतिम 6 अध्यायों में भक्तियोग का उपदेश है।गीता के उपदेश सिर्फ उपदेश नहीं बल्कि यह हमें जीवन जीने का तरीका सिखाते हैं। अनेक वक्ताओं में परमात्मा प्रसाद गुप्ता, शिवजी दास, किशोरी प्रसन्न राय,गोरख ओझा ने भी अपनी-अपनी बाते रखी। वही इस जयंती में गिरिजेश्वर राय, लक्ष्मण सिंह,महात्मा प्रसाद गुप्ता,सुरेंद्र कुमार सहित दर्जनों लोग शामिल हुए।
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