कोरोनाः बिहार पहुंच रहे लोगों की अपने ही गांव में एंट्री बैन, नौजवान लगा रहे पहरा
बिहार में जो लोग दूसरे राज्यों से आए हैं, उन्हें गांव के स्कूलों में कम से कम 14 दिनों तक रखने की व्यवस्था की गई है. साथ ही स्कूलों में उनके खाने और पीने की व्यवस्था भी की गई है, लेकिन उन्हें अपने परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा हैं.
- दूसरे राज्यों से बिहार पहुंचने वालों को स्कूल में किया जा रहा क्वारनटीन
- कोरोना वायरस को रोकने के लिए सरकार ने किया है लॉकडाउन का ऐलान
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया गया है. शहर से लेकर कस्बा और गांव तक के लोग अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य को लेकर सजग हो गए हैं. लॉकडाउन होने के बाद बिहार से बाहर रहने वाले काफी लोग वापस अपने प्रदेश आए. इनमें से काफी लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग भी हुई.
इतने के बाद भी बिहार के काफी लोग अब भी देश के दूसरे शहरों में फंसे हुए हैं और अपने घर लौटना चाहते हैं. इनमें से ज्यादातर मजदूर हैं, जिनका काम बंद हो चुका है. 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान घर के बाहर रहकर जीवनयापन करना इनको मुश्किल लग रहा है, लेकिन जो बिहार आ गए हैं, उनके घर में रहने नहीं दिया जा रहा है.
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